सोमवार, 17 मई 2010

हे बापू मुझे कुछ ऐसा बना दे,





हे बापू मुझे कुछ ऐसा बना दे,

इक सच्चे भक्त जैसा बना दे,

हर पल ध्यान रहे तेरा ही,

हर पल तुझे रिझाऊं बापू जी,

किसी की ना परवाह करूं मैं,

केवल बापू ही बापू कहूँ मैं,

जीवन के सभी कर्तव्य निभाऊं मैं,

पर इनमें डूब न जाऊं मैं,

सभी कर्म निभाऊं मैं,

इक पल न तुम्हे भुलाऊं मैं~~

मेरी ये है प्रार्थना प्रभु आप के चरणों में,

दासी की ये है अरदास पभु आप के चरणों में,

क्या प्रभु ये संभव नहीं?

पर आप के लिए कुछ भी असंभव नहीं~~~

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