मंगलवार, 1 जून 2010

सच का साथ.........(किसान की जमीन)सत्संग



एक किसान को पैसे कि जरुरत पड़ी तो उसने साहूकार से कर्जा लिया

और अंगूठा कर दिया..साहूकार ने एक मिण्डी बढ़ा दी..

५ के ५० हो गए..

रामानंद ने किसान की जमीन हड़प करने के लिए खुदीराम को कहा कि ,

तुम गवाही दो…खुदीराम बोला झूठी गवाही नही दूंगा.

.रामानंद ने डराया धमकाया- ऐसा रगड़ा दूंगा..

जीना मुश्किल कर दूंगा…लेकिन खुदीराम ने झूठी गवाही नही दी…

खुदीराम को रामानंद ने इतना सताया कि उसको

अपना देरेगांव छोड़कर ननिहाल मे जाके रहना पड़ा….

जो देरेगांव से कई मिल दूर था तमारपुर…

सच के साथ रहने से तकलीफ तो हुयी …

रामानंद को लगा कि, मैं जित गया ..

लेकिन ऐसा हुआ कि , रामानंद खुद बिमारियोंसे घिरा ,

पत्नी पागल होके मर गयी ..बेटी लोफरो के साथ भाग गयी

और बेटा आवारा हो गया…

लेकिन खुदीराम के घर ईश्वर ने रामकृष्ण परम हंस का आत्मा प्रगट किया….!


मैं आया उसके पहले सौदागर के हाथो मेरे पिताजी के घर झुला भेजा कैसा खयाल करता है वो ईश्वर…!!

gurudev k satsang parvchan se.....

sadho sadho ............

waah bapu waah.........

kese kese samjate ho....

aapki lila nirali....

jai ho....

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