बुधवार, 23 जून 2010

किसी की श्रद्धा तोड़ी तो .....






जहाँ कुमति तहँ बिपत्ति निदाना।।

जो कुकर्म करते हैं, दूसरों की श्रद्धा तोड़ते हैं अथवा और कुछ गहरा कुकर्म करते हैं

उन्हें महादुःख भोगना पड़ता है और यह जरूरी नहीं है कि किसी ने आज श्रद्धा तोड़ी

तो उसको आज ही फल मिले। आज मिले, महीने के बाद मिले,

दस साल के बाद मिले... अरे !

कर्म के विधान में तो ऐसा है कि 50 साल के बाद भी फल मिल सकता है

या बाद के किसी जन्म में भी मिल सकता है।श्रद्धा से प्रेमरस बढ़ता है,

श्रद्धा से सत्य की प्राप्ति होती है। कोई हमारा हाथ तोड़ दे तो इतना पापी नहीं है,

किसी ने हमारा पैर तोड़ दिया तो वह इतना पापी नहीं है,

किसी ने हमारा सिर फोड़ दिया तो वह इतना पापी नहीं है

जितना वह पापी है जो हमारी श्रद्धा को तोड़ता है।

""कबीरा निंदक निंदक न मिलो पापी मिलो हजार"

"एक निंदक के माथे पर लाख पापिन को भार""

जो भगवान की, हमारी साधना की,

अथवा गुरु की निंदा करके हमारी श्रद्धा तोड़ता है

वह भयंकर पातकी माना जाता है। उसकी बातों में नहीं आना चाहिए।

निंदा करके लोगों की श्रद्धा तोड़नेवाले लोगों को तो जब कष्ट होगा तब होगा

लेकिन जिसकी श्रद्धा टूटी उसका तो सर्वनाश हुआ।

बेचारे की शांति गयी, प्रेमरस गया, सत्य का प्रकाश गया।

गुरु से नाता जुड़ा और फिर पापी ने तोड़ दिया।

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हजारो-हजारों के जीवन में मैंने देखा कि जिन्होंने संतों का कुप्रचार किया,

उन्हें सताया या संत के दैवी कार्य में बाधा डाली,

उनको फिर खूब-खूब दुःख सहना पड़ा,

मुसीबतें झेलनी पड़ीं। जो संत के दैवी कार्य में लगे उनको खूब सहयोग मिला

और उन्होंने बिगड़ी बाजियाँ जीत लीं। उनके बुझे दीये जल गये,

सूखे बाग लहराने लगे। ऐसे तो हजारों-लाखों लोग होंगे।

'गुरुवाणी' में जो आया है, बिल्कुल सच्ची बात हैः

संत का निंदकु महा हतिआरा।।

संत का निंदकु परमेसुरि मारा।।

संत का दोखी बिगड़ रूप हो जाइ।।

संत के दोखी कउ दरगह मिलै सजाइ।

संत के दोखी की पुजै न आसा।

संत के दोखी उठी चलै निरासा।।

संत के दोखी कउ अबरू न राखन हारू।

नानक संत भावै ता लए उवारि।

अगर वह सुधर जाता है और संत की शरण आता है तो फिर संत उसका अपनी कृपा से उद्धार भी कर देते हैं।

किसी का सत्यानाश करना हो तो उसे संत की निंदा सुना दो,

अपने-आप सत्यानाश हो जायेगा और किसी का बेड़ा पार करना हो तो संत के सत्संग में

तथा संत के दैवी कार्य में लगा दो, अपने आप उसका भविष्य उज्जवल हो जायेगा।

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