मंगलवार, 20 अप्रैल 2010

सब में भगवान .........

ऐसा ही एक भगतडा जा रहा था…

गुरु की आधी अधूरी बात समझा था…

की सब में भगवान है…

सामने से पागल हाथी आ रहा है ..

महावत बोला, ‘अरे हट जाओ॥हाथी पागल है’

..लेकिन नहीं माना…

बोले, ‘मैं जानता हूँ..सब भगवान का मंगलमय विधान है

॥सब में भगवान है!’

हाथी आया॥ धडाक से सुण्ड मारा..

खोपड़ी टूटी …जब ठीक हुआ तो सब पूछे की क्या हुआ?…

बोले, ‘हाथी में भगवान है॥मैंने सूना था लेकिन ऐसा कैसे हुआ?’

.. तो सामने वाले बोले की ,

‘हाथी में ही तुझे भगवान देखना था?..

महावत में भगवान चिल्ला चिला कर बोल रहा था वो क्यों नहीं सूना?’

ऐसा आधा कच्चा ज्ञान बड़ा खतरा देता है…

k.hirani

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