मंगलवार, 20 अप्रैल 2010

बाल संस्कार केन्द्र के 21 अनमोल रत्न

बाल संस्कार केन्द्र के 21 अनमोल रत्न ........................
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प्रतिदिन पालनीय नियम
1. सूर्योदय से पहले ब्रह्ममुहूर्त में उठना।
2. प्रातः शुभ चिंतन, शुभ संकल्प, इष्टदेव अथवा गुरूदेव का ध्यान।
3. करदर्शन।
4. प्रार्थना, जप, ध्यान, आसन, प्राणायाम।
5. सूर्य को अर्घ्य एवं सूर्यनमस्कार।
6. तुलसी के 5 पत्तों का सेवन कर 1 गिलास पानी पीना।
7. माता-पिता एवं गुरूजनों को प्रणाम।
8. नियमित अध्ययन।
9. अच्छी संगत।
10. भोजन से पूर्व गीता के पंद्रहवें अध्याय का पाठ व सात्त्विक, सुपाच्य तथा स्वास्थ्कर भोजन।
11. त्रिकाल संध्या।
12. सत्शास्त्र-पठन और सत्संग-श्रवण।
13. सेवा, कर्त्तव्यपालन व परोपकार।
14. सत्य एवं मधुर भाषण, अहिंसा, अस्तेय (चोरी न करना)।
15. समय का सदुपयोग।
16. परगुणदर्शन (दूसरों के अच्छे गुणों पर दृष्टि रखना)।
17. घरकाम में मदद और स्वच्छता।
18. खेलकूद।
19. त्राटक, मौन।
20. जल्दी सोना-जल्दी उठना।
21। सोने से पहले आत्मनिरीक्षण, ईश्वर-गुरूदेव का चिंतन, धन्यवाद।

वाह बापू वाह............... जी हा ये समझाया है हमारे बापूजी ने बच्चो के लिए............

इसलिए तैयार करिए अपने आपको ....
अपने बच्चो मैं अच्छे संस्कार लाने के लिए..........

hariom

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