बुधवार, 14 अप्रैल 2010

संतशिरोमणि

इतनी मधुर वाणी!
इतना अदभुत ज्ञान!


"मैं अपनी ओर से तथा यहाँ उपस्थित सभी महानुभावों की ओर से परम श्रद्धेय संतशिरोमणि


बापू जी का हार्दिक स्वागत करता हूँ।

मैंने कई बार टी।वी। पर आपको देखा सुना है और दिल्ली में एक बार आपका प्रवचन भी सुना है।

इतनी मधुर वाणी! इतना मधुर ज्ञान!

अगर आपके प्रवचन पर गहराई से विचार करके अमल किया जाये तो इन्सान

को ज़िंदगी में सही रास्ता मिल सकता है। वे लोग धन भागी हैं

जो इस युग में ऐसे महापुरुष के दर्शन व सत्संग से अपने जीवन-सुमन खिलाते हैं।"


---(श्री भजनलाल, तत्कालीन मुख्यमत्री, हरियाणा।)

हरि ॐ, नारायण नारायण नारायण नारायण


ऐसे महान है हमारे बापूजी.....

की सत्संग मैं तेरे जो भी आता खाली झोली भर ले जाता.....

मैं भी आया तेरे द्वार गुरूजी बेरा पर कर दो......

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