पिता थाऊमल के घर जन्मे -२ , तेरी जय हो मेह्गिबा के लाल
मैं वारी जाऊँ ....
मैं वारी जाऊँ बापू जी , बलिहारी जाऊँ बापू जी
मोटेरा तेरा धाम है -२ , तेरे भक्त आवे दरबार
मैं वारी जाऊँ ....
भक्तो के तुम कष्ट मिटते -२ , तेरी महिमा अपरम्पार
मैं वारी जाऊँ ....
भक्त जो नाम दान हैं लेते -२ , वो तर जावें भव पार
मैं वारी जाऊँ बापू जी ....
आप तो बापू ज्ञान बांटते -२ , रहे भरा ज्ञान भंडार
मैं वारी जाऊँ ....
ध्यान योग में ख़ुद को तपाया -२ , बने आसुमल से आसाराम
मैं वारी जाऊँ ....
नाथ सुनाऊँ अनुभव अपना -२ , हो गया हरि से प्यार
मैं वारी जाऊँ ....
हम भी बापू बालक तेरे -२ , "शुभ" चरणों में पावे वास
मैं वारी जाऊँ बापू जी ....
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