गुरुचरण रज रज शीश धरी…...........
तुलसीदास जी ने गुरू कि कैसी महिमा गायी है..
राजा दशरथ भी जब गुरू के दर्शन करने जाते थे तो गुरुद्वार की मिटटी हाथ मे लेकर अपने माथे पर तिलक करते…”
गुरुदेव मैंने आप के चरणों कि धूलि पाकर सब कुछ पा लिया !
“… ऐसा भाव…एक बहन की घटित घटना सुनाता हूँ …
वोह बहन बहोत बीमार थी..अब मरी कि तब मरी ऐसी हालत थी उसकी…कोई इलाज काम नही कर रहे थे..
गाजियाबाद मे बापूजी का सत्संग था तो उस बहन ने अपनी माँ को कहा कि मुझे सत्संग मे ले चलो..
माँ बेटे की सहायता से बेटी को सत्संग मे ले गयी..
उसने बड़ी तन्मयता से बापूजी का सत्संग सुना..
सत्संग के बाद बापूजी गए तो वोह बहन अपनी माँ को बोली कि जहा से बापूजी गए मुझे वहा ले चलो..
माँ ले गयी तो वोह बहन ने वहा कि मिटटी उठा ली..माँ बोली कि अरे ये क्या कर रही हो..मिटटी क्यो उठा रही हो…
..तो वोह बहन बोली कि , “ माँ ये गुरुदेव कि चरण रज है ..
मैंने सत्संग मे सुना है कि सदगुरू कि चरण रज शिव जी पे लगे भस्म कि तरह पवित्र होती है..
मैं इस का रोज तिलक करुँगी..और मैं जरुर ठीक हो जाउंगी…”
..वोह बहन ठीक हो गयी…13 साल तक उस बहन ने कष्ट भोगा था..
अब वोह 18 साल की है..5 साल कि थी तब से बीमार थी..
कैसी भी परिस्थिति आये मायूस नही होना चाहिए ..
तकदीर किसी भी वक्त बदल सकती है…
गरमी मे धुप से पिली पड़ गयी घांस बारिश की बूंदे पड़ते ही फिर से हरि भरी हो जाती है.
.रात कितनी भी अंधियारी क्यो ना हो सुबह आते ही अँधेरा दूर हो जाता है…मैं बहोत दुःखी हूँ ..
मेरा पति डाटता है, ससुरालवाले ऐसा बोलते… कई बहने ऐसा सोचकर दुःखी रहती है….
तो बहनो को कोई भी ऐसी समस्या सताती है तो हर महिने के पहले शुक्रवार को या अभी नवरात्री आ रही है
तो नवरात्री के दिनों मे..नहाते समय बाल्टी मे थोडीसी हलदी डालकर नहाये ,
उत्तर दिशा मे मुख करके तिलक करे और प्रार्थना करे कि “ॐ श्रीम गौरियाये नमः
जैसे पार्वती जी का और शिव जी गृहस्थ जीवन था वैसे मेरा रहे. ” …अभी नवरात्री मे करे…घर मे शांति होगी..
घर मे सकारात्मक वातावरण रहेगा….
प्रार्थना ऐसी भूमि है कि ख़ुशी के फूल खिलते ही है..
सुरेशानंद जी की गुरुभक्तिमयी अमृतवाणी ....
sadho sadho
जवाब देंहटाएंdil bhar aaya gurdev ki yaad se.
जवाब देंहटाएंaise prasang shraddha aur vishwas ko aur badha dete hain.
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