पहेले मैं बीडी ,सिगरेट, घुटखा,जर्दा का बहुत ज्यादा सेवन करता था ...
इससे मेरा मुह ख़राब हो गया ...
और बोलना भी कठिन हो रहा था .....
पूज्य बापूजी की योवन सुरक्षा भाग २ पुस्तक मेने पड़ी .....
और उस दिन से मेरा नशा छुट गया
इस पुस्तक ने मुझे निवार्श्यी बना दिया
पहेले मेरा स्वभाव बहुत गुस्से वाला था
घर पर रोज़ झगडा होता था,और मेरा मन बहुत उदास रहेता था
पूज्य बापूजी से दीक्षा लेने के बाद मेरा मन और स्वभाव शांत हो गया
कोई भी काम हो पूज्य बापूजी की कृपा से रास्ता अपने आप खुल जाता है
जब भी कोई बड़ा निर्णय लेना होता है
तो बापू जी के श्रीचित्र के सामने ७-८ मिनट एकटक देखते हुए ॐ ॐ जपते हुए
एकाग्रता और अनासक्ति का अवलंबन लेता हु ...
और गुरु भगवन की प्रेरणा से मुझे सब मिल जाता है
भोतिक व्यवहार,भोतिक वातावरण में आत्मिक सम्बन्ध जोड़ने का,
आत्मिक शक्ति से जुड़ने का मुझे सीधा रास्ता ही मिल गया है....
धन्य है एकलव्य की गुरुभक्ति,
जिसने कइयो को प्रेरणा की गुरुकृपा का फायदा उठाने की
श्री रामजी ने गुरुकृपा का फायदा लिया वसिष्ठ जी से...
और वसिष्ठ जी बोलते है योगवसिष्ठ में...
है रामजी मैं बाज़ार से गुजरता हु तो
मुर्ख लोग मेरे लिए न जाने क्या क्या अफ्वाये उड़ाते है ....
तो आज मेरे गुरु देव के लिए बोलने वाले कितना भी भके...
लेकिन हमारा अनुभव नही तोड़ सकते...
गुरु शिष्य के अमर सम्बन्ध को तोड़ने की ताकत कुप्र्चारको मैं कहा??????
कुप्रचार करने वाले भी अगर सुधर जाये तो अथाह फायदा होगा उनको,
मगर ऐसा भाग्य कब होगा उनका????????
हरिओम्म्म्म्म्म्म्
लक्ष्मण सुथार..चिमनपुरा,जिला.पाली (राज.)
एक साधक की जुबानी...
वाह बापू वाह आपने कितनो का ....
केसे केसे भला किया है ...
कितनो की नैया पार लगा दी है आपने बापूजी ....जिसका कोई भखान नही
वाह बापू वाह ....
जय हो...
जपते रहे तेरा नाम जय बापू आशाराम....
ऐ नादान इन्सान एक बार सर झुका के तो देख बापू के दर पे ....
अगर झोली न भर दे तो कहना .....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें