शनिवार, 3 जुलाई 2010
हर रोज नयी एक शादी है.... (सत्संग)
एक बार अहमदाबाद से सूरत आ रहे थे
तो लोगो ने कार फूलों से सजा दी थी….
हिजडो को लगा कोई दूल्हा जा रहा है….
उन्हों ने घागरा हिलाते हुए गाड़ी रोकी…
गाड़ी का कांच निचे किया ..पर्दा हटाया….
तो शिवलाल काका भी थे…
इधर भी दाढीवाला बाबा…उधर भी बाबा…
तो हाय हाय गाड़ी जाने दो… .
.तो हम ने पूछा , “क्यो रोकी थी गाड़ी ?”…
.तो बोले कि , हम को लगा दूल्हा है ,
इधर तो साधुबाबा है….
तो हमने कहा पैसे चाहिऐ ना ?
दूल्हा तो एक बार बनता और १०० बाराती खड़ा करता…
हम तो जहा जाते भगवान के लाखो बाराती आते….
अरे इनको पैसे दे दो….हमारी तो रोज शादी है…
हाय हाय
हर रोज नयी एक शादी है
हर रोज मुबारक बाजी है
जब आशिक मस्त फकीर हुआ…
तो क्या दिलगिरी बाबा ?
शादी माने शाद आबाद रहे….
यहा तो रोज नया सुख नया आनंद.
सूरज रोज उगता लेकिन हर दिन नया दिवस होता है सूर्य नारायण का…
.यहा तो हर दिन मुबारक बाजी है..सत्संग हो चाहे नही हो…….
(पूज्य सदगुरूदेव ने भजन के पद बताते हुए बहोत सुन्दर विश्लेषण भी दिया..)..
जैसे सूरज रोज नया आनंद नया प्रकाश लेकर आता….
ऐसे स्व का स्वरूप भी आत्मा के आनंद मे जगमगा रहा है….
कोई मुझे पूछता है , “तबियत कैसी है?” …
तो मैं पूछता हूँ , “बीमार से मिलाने आये क्या?” ….
.ईश्वर में रमण करते तो शरीर के पित्त, वायु , कफ , हाड मास कैसे है
पूछता….साधक है तो कैसी है साधना ? ऐसे पूछे ….
और गुरु को तो वो भी नही पूछा जाता…
दुर्भाग्य है ऐसे लोगो का….संत से ऐसे नही पूछते …
बुध्दी दाता का साक्षात्कार ..सदा सुख…आत्माराम में आ जाओ…..
ज्ञान स्वभाव में आओ..शांत स्वभाव होगा तो कामकाज बढिया होगा…
सदा दिवाली संत की आठो प्रहर आनंद
अकलमता कोई उपजा गिने इन्द्र को रंक…
..आज सुबह पंचगव्य मिला..कल आंवले का रस..(शिबिरार्थियो को मिला)
..आरती हो रही…आनंद मंगल करू आरती…
प्रार्थना हो रही है….
(सदगुरूदेव के पावन दर्शन के लिए पूनम व्रतधारी लाइन में लगे है….
सेवाधारियो से कुछ गलती हुयी तो सदगुरूदेव ने समझाया कि सेवा करते तो
नम्र भाव से करनी चाहिऐ….दादागिरी से नही…..इसी का नाम सेवा है….)
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय…..प्रीति देवाय…माधुर्य देवाय….
गुरुदेवाय..शांति देवाय…ओम नमो भगवते वासुदेवाय…
(परम पूज्य सदगुरूदेव हास्य करवाए…)
अगली पूनम २ जगह होगी….
आनंद आता है?
अच्छा लगता है?
ॐ शांति…
हरी ओम!
पूज्य संत श्री आशाराम जी बापू के सत्संग परवचन ....
वाह बापू वाह....
मज्जा आ गया ....
जय हो!!!!!
सदगुरूदेव की जय हो!!!!!
(गलतियों के लिए प्रभुजी क्षमा करे…)
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